डॉ. अजय सिंह राजपूत: एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व और जैविक खेती के समर्थक
हाल ही में मेरी मुलाकात डॉ. अजय सिंह राजपूत सर से एक बैठक में हुई, जो क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय केंद्र जैविक और प्राकृतिक खेती (भारत सरकार), नागपुर के पद पर कार्यरत है. उनके साथ मुझे एक और कार्यशाला में उनके साथ जाने का अवसर भी मिला, जो किसानों के लिए आयोजित की गई थी। डॉ. राजपूत सर के पास जैविक और प्राकृतिक खेती का गहरा ज्ञान है और उनके विचार सुनने के बाद मैं बहुत प्रभावित हुआ। उनकी सबसे उल्लेखनीय बात जो मुझे बहुत पसंद आई, वह थी जब उन्होंने कहा, "हमें फैमिली डॉक्टर की नहीं, बल्कि फैमिली फार्मर की जरूरत है।" इस एक वाक्य में उन्होंने हमारे समय की सबसे महत्वपूर्ण बात को संक्षेप में कह दिया।
आज जिस प्रकार से रासायनिक कीटनाशकों और मिलावट का प्रयोग हो रहा है, वह हमारी सेहत के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। डॉ. अजय सिंह राजपूत सर का मानना है कि जैविक और प्राकृतिक खेती आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है, ताकि हम स्वस्थ, शुद्ध और प्राकृतिक उत्पादों का उपभोग कर सकें।
एक प्रसिद्ध विचारक डेरेक गॉल्सन के शब्दों में, "दुनिया को अन्य किसी भी व्यवसाय की तुलना में किसानों की अधिक आवश्यकता है। क्योंकि यदि वकील, राजनेता, बैंकर, शिक्षण संस्थान के शिक्षक या सेल्समैन गायब हो जाते हैं, तो थोड़ा बहुत गड़बड़ हो सकता है। लेकिन अगर किसान ही नहीं रहे, तो हम में से अधिकांश लोग एक साल के भीतर ही मर जाएंगे।" यह कथन किसानों के महत्व को और भी उजागर करता है और बताता है कि वे हमारी जीवनशैली और स्वास्थ्य के लिए कितने आवश्यक हैं।डॉ. अजय सर का स्वभाव बहुत ही मित्रतापूर्ण और मददगार है। वह हमेशा अपने सहयोगियों के साथ मिलजुल कर रहते हैं और एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में उभर कर सामने आते हैं। वे मध्य प्रदेश के जबलपुर से हैं, लेकिन उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में कार्य किया है, और इसका अनुभव उनके भाषणों में स्पष्ट रूप से झलकता है। उनका दृष्टिकोण व्यापक है और उनके विचारों में विविधता और समर्पण साफ दिखाई देता है।
डॉ. अजय सिंह राजपूत सर का उद्देश्य न केवल जैविक खेती को बढ़ावा देना है, बल्कि किसानों और उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता लाना भी है। उनका मानना है कि प्राकृतिक खेती न केवल हमारी सेहत के लिए बल्कि हमारे पर्यावरण के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।
उनकी ज्ञानवर्धक बातचीत और खेती के प्रति उनका समर्पण किसानों के लिए एक नई दिशा का संकेत है। जैविक और प्राकृतिक खेती के इस अग्रणी समर्थक को सलाम।
आपका दोस्त
डॉ प्रशांत राजनकर
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