दोस्तों , डॉ ए पी जे कलाम सर के साथ बिताया हुआ वो वक़्त मैं कभी नहीं भूल सकता। मैं अपनी सगाई के लिए २० जनवरी २०१० को नई दिल्ली से नागपुर, इंडिगो फ्लाइट से जा रहा था। फ्लाइट शाम की थी लेकिन काफी लेट हुई थी, तो जैसे ही घोषणा हुई मैं विमान में जाने के लिए लाइन में आ गया, जैसे ही मैंने विमान प्रवेश किया सबसे आगे वाली सीट पर मेरी नजर गयी और मैंने देखा की डॉ ए. पी. जे. कलाम सर वह है और वो न्यूज़ पेपर, अचानक उनकी और मेरी नजर एक हुई तो उन्होंने स्माइल किया और मैंने भी स्माइल किया, एक पल मुझे कुछ समझ में ही नहीं आया, जैसे ही मैं थोड़ा संभल गया, मैंने उनके पैर छुए, उन्होंने भी पीठ पर हाथ रख कर मुझे आशीर्वाद दिया। उनके पास वाली सीट खाली थी तो मैंने उनसे कुछ समय उनके पास बैठने की अनुमती मांगी तो उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा। कुछ पल मुझे खुद समझ नहीं आ रहा था और यकीन भी नहीं हो रहा था की मैं उस व्यक्ति के पास बैठा हु जिनसे बहुत से लोग मिल भी नहीं पाते है। मैंने उनसे काफी देर बात की, मैंने उन्हें पूछा की सर...